राजस्थान पशुपालन विभाग की प्रमुख सेवाएँ और योजनाएँ — सम्पूर्ण मार्गदर्शिका
राजस्थान पशुपालन विभाग की प्रमुख सेवाएँ और योजनाएँ — सम्पूर्ण मार्गदर्शिका
राजस्थान सरकार द्वारा संचालित पशुपालन विभाग (Department of Animal Husbandry, Rajasthan) राज्य के पशुपालकों के लिए अनेक योजनाएँ चला रहा है। इन योजनाओं का उद्देश्य है — पशुधन की सुरक्षा, नस्ल सुधार, रोग नियंत्रण, आर्थिक सहायता और आधुनिक पशुपालन को बढ़ावा देना।
यह ब्लॉग पशुपालकों को एक ही स्थान पर सभी महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी और आवेदन प्रक्रिया प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
1️⃣ मोबाइल पशु सेवा व हेल्पलाइन 1962
क्या है: पशु बीमार, घायल या प्रसूति की स्थिति में होने पर आप सीधे 1962 पर कॉल कर सकते हैं। यह नंबर राजस्थान सरकार की मोबाइल वेटरनरी यूनिट से जुड़ा है। टीम आपके स्थान पर जाकर पशु का उपचार करती है।
लाभ: ग्रामीण क्षेत्रों में तत्काल चिकित्सा सुविधा, बिना अस्पताल ले जाए पशु का उपचार।
कैसे प्राप्त करें:
1. 1962 पर कॉल करें।
2. अपना नाम, गाँव, पशु का प्रकार, लक्षण और सटीक स्थान बताएं।
3. चिकित्सक/टीम आपके पास भेजी जाएगी।
ध्यान दें: जब तक टीम पहुंचे, पशु को छाया में रखें और साफ पानी दें।
2️⃣ पशुधन निःशुल्क आरोग्य योजना
क्या है: विभाग द्वारा सामान्य रोगों के लिए दवा और उपचार निःशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं। यह सेवा राज्य के सभी पशु चिकित्सालयों में चालू है।
लाभ: पशुओं के इलाज और दवा पर आने वाला खर्च बचता है, पशुधन का स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
कैसे प्राप्त करें:
1. नज़दीकी पशु चिकित्सालय जाएं।
2. पशु की जानकारी (प्रकार, आयु, लक्षण) दें।
3. डॉक्टर जाँच कर उपचार और दवा देगा।
सलाह: उपचार पर्ची या कार्ड संभाल कर रखें; बीमा/सहायता में यही काम आता है।
3️⃣ कृत्रिम गर्भाधान (AI) सेवा
क्या है: पशुधन की नस्ल सुधार हेतु कृत्रिम गर्भाधान (Artificial Insemination) की निःशुल्क या नाममात्र शुल्क पर उपलब्ध सेवा।
लाभ: सुधरी नस्ल के पशुओं से उत्पादन (दूध, बछड़े) में वृद्धि होती है।
AI में “हीट” के लक्षण कैसे पहचानें
हीट (ऊष्णावस्था) के प्रमुख संकेत:
- पशु अधिक सक्रिय या चंचल दिखे, बार-बार रंभाए।
- अन्य मादाओं/बैल को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास करे।
- गुप्तांगों से पारदर्शी श्लेष्मा (mucus) निकले।
- पुंछ हिलाना, बार-बार पेशाब करना, दूध उत्पादन में थोड़ी कमी आना।
AI का उचित समय: हीट शुरू होने के 12 से 18 घंटे के भीतर कृत्रिम गर्भाधान करवाना सबसे उपयुक्त माना जाता है।
ध्यान दें: गर्भाधान के बाद पशु को 2-3 दिन आराम दें, संतुलित आहार और पर्याप्त पानी दें।
4️⃣ टीकाकरण कार्यक्रम (FMD, HS, BQ, PPR आदि)
क्या है: सरकार द्वारा समय-समय पर सभी पशुओं के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जाता है ताकि रोगों का प्रसार रोका जा सके।
प्रमुख टीके और बूस्टर समय:
- FMD (मुंह-खुर रोग): 4 माह की आयु से पहला टीका और हर 6 माह में बूस्टर।
- HS (Hemorrhagic Septicemia): वर्ष में एक बार (सामान्यतः गर्मी से पहले)।
- BQ (Black Quarter): साल में एक बार, आमतौर पर बरसात शुरू होने से पहले।
- PPR (भेड़-बकरी): 3 माह की आयु के बाद एक बार, 3 वर्ष तक रोग-प्रतिरोधक क्षमता।
कैसे करवाएं:
1. नज़दीकी पशु चिकित्सालय या ग्राम पंचायत से टीकाकरण शिविर की तिथि जानें।
2. निर्धारित दिन पशु लाएं या टीम आने पर सहयोग करें।
3. टीका लगने के बाद पशु की पहचान और प्रमाणपत्र रखें।
सलाह: गर्भवती पशु या नवजात बछड़ों को टीकाकरण से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
5️⃣ पशु बीमा योजना
क्या है: दुर्घटना या मृत्यु होने पर पशुपालक को आर्थिक नुकसान से बचाने के लिए बीमा सुविधा।
लाभ: पशु की अचानक मृत्यु पर निर्धारित बीमा राशि का भुगतान।
कैसे आवेदन करें:
1. जिला पशुपालन कार्यालय या अधिकृत बीमा एजेंसी से फॉर्म लें।
2. पशु की फोटो, पहचान नंबर, बैंक पासबुक और स्वास्थ्य प्रमाण संलग्न करें।
3. आवेदन जमा करें और पॉलिसी दस्तावेज़ प्राप्त करें।
महत्वपूर्ण: बीमा क्लेम के लिए मृत्यु के 24 घंटे में सूचना देना और पोस्टमार्टम रिपोर्ट अनिवार्य है।
6️⃣ गौशाला विकास योजना
क्या है: पंजीकृत गौशालाओं को भवन, पानी, चारा भंडारण और चिकित्सा सुविधाओं के विकास हेतु अनुदान।
कैसे आवेदन करें:
1. संबंधित जिला पशुपालन कार्यालय से फॉर्म प्राप्त करें।
2. पंजीकरण प्रमाणपत्र, पशु संख्या, भूमि दस्तावेज़ और विकास प्रस्ताव संलग्न करें।
3. निरीक्षण के बाद अनुदान स्वीकृति दी जाती है।
ध्यान दें: अनुदान प्राप्त गौशालाओं को उपयोगिता रिपोर्ट समय-समय पर प्रस्तुत करनी होती है।
7️⃣ नंदीशाला जन-सहभागिता योजना
क्या है: पंचायत समिति स्तर पर आवारा नर पशुओं के लिए नंदीशाला (Shelter) निर्माण और संचालन हेतु सहायता।
कैसे आवेदन करें:
1. संबंधित पंचायत या पशुपालन कार्यालय से योजना दिशा-निर्देश लें।
2. भूमि, संरचना और संचालन योजना सहित आवेदन जमा करें।
3. स्वीकृति के बाद अनुदानानुसार निर्माण और संचालन करें।
सुझाव: स्थानीय पशुपालकों की भागीदारी व चारा सहयोग मॉडल से नंदीशाला अधिक स्थायी बन सकती है।
8️⃣ बकरी/भेड़ पालन योजना
क्या है: राज्य सरकार द्वारा बकरी/भेड़ पालन के लिए ऋण व सब्सिडी आधारित योजना।
कैसे आवेदन करें:
1. जिला पशुपालन कार्यालय या बैंक शाखा से संपर्क करें।
2. व्यवसाय योजना (DPR) तैयार कर जमा करें।
3. बैंक लोन स्वीकृति के बाद विभागीय सब्सिडी स्वीकृति।
ऑनलाइन सहायता लिंक: https://nlm.udyamimitra.in/Home/PreApplication
9️⃣ राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) — उद्यमिता और ऑनलाइन आवेदन
क्या है: भारत सरकार की यह योजना पशुधन उत्पादन, चारा प्रबंधन, पोल्ट्री, सूअर पालन, बकरी पालन आदि क्षेत्रों में निवेश प्रोत्साहन हेतु लागू है।
लाभ: व्यक्तिगत पशुपालक, SHG, FPO, और सहकारी संस्थाओं को पूंजीगत अनुदान व प्रशिक्षण।
आवेदन प्रक्रिया:
- वेबसाइट पर जाएं: nlm.udyamimitra.in
- “Pre-Application Form” भरें और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
- राज्य कार्यकारी समिति द्वारा आवेदन की जांच की जाती है।
- बैंक/वित्तीय संस्था द्वारा ऋण स्वीकृति और सब्सिडी निर्गत।
सुझाव: आवेदन से पहले पशुधन की संख्या, स्थान, पूंजी और परियोजना रिपोर्ट तैयार रखें।
🔟 पशुपालकों के लिए सामान्य दिशा-निर्देश
- सभी पशुओं का पंजीकरण करवाएं।
- टीकाकरण कार्ड और बीमा पॉलिसी हमेशा सुरक्षित रखें।
- नियमित कृत्रिम गर्भाधान और PD करवाएं।
- बीमारी या आपात स्थिति में 1962 पर तुरंत कॉल करें।
- महिला स्वयं सहायता समूह या FPO से जुड़कर दूध/चारा/पशु उत्पादों का विपणन करें।
निष्कर्ष
राजस्थान सरकार की योजनाएँ — चाहे वह मोबाइल सेवा हो, टीकाकरण, बीमा, नंदीशाला या राष्ट्रीय पशुधन मिशन — सभी का उद्देश्य एक है: पशुपालक की आय और पशुधन की सुरक्षा में सुधार। सही जानकारी और समय पर भागीदारी से हर पशुपालक लाभान्वित हो सकता है।
महत्वपूर्ण लिंक: राजस्थान पशुपालन विभाग की वेबसाइट