✍️राजस्थान में मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना 2025‑26 : 🐄🐂🐪🐐पंजीकरण शुरू
राजस्थान सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना (2025‑26) का पंजीकरण आरंभ हो चुका है। यह योजना किसान‑पशुपालकों को आकस्मिक पशु‑मृत्यु पर आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है और पूरी तरह निःशुल्क है।
इस वर्ष योजना “पहले आओ, पहले पाओ” आधार पर संचालित हो रही है, पूरे राजस्थान प्रदेश से कुल 42 लाख पंजीकरण का लक्ष्य है इसलिए पात्र पशुपालकों से अनुरोध है कि समय रहते पंजीकरण करा लें।
योजना का उद्देश्य
योजना का उद्देश्य पशुओं की मृत्यु या आकस्मिक हानि के कारण पशुपालकों पर आने वाले वित्तीय बोझ को कम करना है। पशुपालकों की आजीविका में गाय, भैंस, बकरी, भेड़, ऊँट जैसे पशु महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसी भी कारण से पशु की अचानक मृत्यु होने पर सरकार द्वारा बीमा राशि प्रदान की जाती है।
पात्रता और शामिल पशु
- पात्र लाभार्थी: राजस्थान के निवासी पशुपालक जिनके पास जन‑आधार कार्ड है। अन्य योजनाओं के अंतर्गत पहले से बीमा किए गए पशु इस योजना में शामिल नहीं होंगे।
- योजना के लिए पशु के कान में 12 अंकों का ईयर टैग होना अनिवार्य है। टैग खो जाने पर बीमा विभाग को तुरंत सूचना देनी होगी और नया टैग 1 दिन में प्राप्त किया जा सकता है।
- बीमा के लिए अधिकतम पशु संख्या: 2 दुधारू गाय या भैंस, 10 बकरी/10 भेड़ और 10 ऊँट।
- आयु सीमा: गाय 3–12 वर्ष, भैंस 4–12 वर्ष, बकरी/भेड़ (मादा) 1–6 वर्ष और ऊँट 2–15 वर्ष।
- लाभ उठाने के लिए पशुपालक की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
✍️पंजीकरण कैसे करें
- योजना की वेबसाइट mmpby2526.rajasthan.gov.in पर अधिकृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं वेबसाइट पर एप्रूव्ड एंड्राइड एप्प का गूगल प्ले लिंक भी उपलब्ध है।
- ऑनलाइन आवेदन मोबाइल ऐप 📲 (मंगला पशु बीमा ऐप) या ई‑मित्र केंद्र के माध्यम से भी किया जा सकता है।
- पंजीकरण निःशुल्क है और चयन इस बार “पहले आओ, पहले पाओ” आधार पर होगा।
- जन‑आधार नंबर, बैंक खाते और मोबाइल नंबर के साथ पंजीकरण करें। 12‑अंकों वाले ईयर टैग के साथ पशु की साफ फोटो अपलोड करें।
- जन‑आधार और बैंक खाते के मोबाइल नंबर पर OTP आने वाला नंबर सक्रिय रखें ताकि आवेदन में कोई बाधा न हो।
पशु मूल्य निर्धारण
बीमा राशि पशु के दूध उत्पादन और नस्ल के आधार पर तय की जाती है। योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार:
- दुधारू गाय: न्यूनतम 3,000 ₹ प्रति लीटर प्रति दिन के आधार पर, अधिकतम 40,000 ₹ प्रति पशु।
- दुधारू भैंस: न्यूनतम 4,000 ₹ प्रति लीटर प्रति दिन, अधिकतम 40,000 ₹ प्रति पशु।
- बकरी/भेड़ (मादा): अधिकतम 4,000 ₹ प्रति पशु।
- ऊँट (नर/मादा): अधिकतम 40,000 ₹ प्रति पशु।
- पशु चिकित्सक का मूल्यांकन अंतिम माना जाएगा और उसी के अनुसार बीमा राशि तय होगी।
कवरेज (बीमा किस स्थिति में मिलेगा)
योजना के तहत बीमा राशि केवल पशु की मृत्यु पर ही नहीं बल्कि प्राकृतिक और आकस्मिक घटनाओं पर भी दी जाती है। बीमा दिशानिर्देशों में शामिल घटनाएँ इस प्रकार हैं:
- प्राकृतिक कारणों से मृत्यु।
- आगजनी, सड़क दुर्घटना, बिजली गिरना या प्राकृतिक आपदा (बाढ़, तूफान इत्यादि)।
- जहरीली घास खाने से मृत्यु।
- सांप या कीड़े के काटने से मृत्यु।
- गंभीर बीमारी से मृत्यु।
क्लेम (दावा) प्रक्रिया
यदि बीमित पशु की मृत्यु हो जाए, तो निम्नलिखित कदम उठाए जाने चाहिए:
- तुरंत सूचना दें: पशु की मृत्यु के तुरंत बाद 181 हेल्पलाइन पर कॉल करें या नजदीकी ई‑मित्र केंद्र/राजकीय पशु चिकित्सालय में सूचना दें।
- सर्वेक्षण और पोस्टमॉर्टेम: बीमा कंपनी का सर्वेयर और पशु चिकित्सक मृत पशु का निरीक्षण करेंगे और पशु चिकित्सक पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट तैयार करेगा।
- दावा फॉर्म भरें: बीमा कंपनी के सर्वेयर या सरकारी पशु चिकित्सालय से दावा फॉर्म प्राप्त करें। फॉर्म में आवश्यक जानकारी भरकर, पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट, मृत पशु की फोटो (जिसमें टैग स्पष्ट दिखे), बैंक खाते का विवरण, आधार/जन‑आधार कार्ड और बीमा पॉलिसी नंबर संलग्न करें।
- समय सीमा: दावा फॉर्म पशु की मृत्यु के 21 दिनों के भीतर जमा करना आवश्यक है।
- दावा निपटान: सभी दस्तावेज सत्यापित होने पर बीमा राशि पशुपालक के बैंक खाते में जमा की जाएगी। दिशानिर्देशों के अनुसार भुगतान 21 कार्यदिवस के भीतर किया जाना है।
महत्वपूर्ण तारीखें एवं सावधानियाँ
- पंजीकरण प्रक्रिया 2025‑26 सत्र के लिए 20 नवंबर 2025 से प्रारंभ है। चूँकि “पहले आओ, पहले पाओ” सिद्धांत लागू है, इसलिए यथाशीघ्र आवेदन करें।
- जन‑आधार कार्ड, बैंक खाता और मोबाइल नंबर में कोई त्रुटि न हो। OTP सक्रिय मोबाइल नंबर सुनिश्चित करें।
- पशु का ईयर टैग सुरक्षित रखें; खो जाने पर तुरंत विभाग को सूचना दें।
- बीमा योजना एक वर्ष के लिए मान्य है; पशु का मालिकाना हक बदलने (बेचने/उपहार) पर बीमा स्वतः समाप्त हो जाएगा।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना 2025‑26 राजस्थान के पशुपालकों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच है। यह योजना निःशुल्क है और प्राकृतिक तथा आकस्मिक घटनाओं से पशु की मृत्यु होने पर आर्थिक सहायता प्रदान करती है। चूँकि इस वर्ष चयन “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर किया जा रहा है, इसलिए पात्र पशुपालक तत्परता से पंजीकरण कर लाभ उठाएं। अधिक जानकारी और अद्यतन निर्देशों के लिए सरकारी पोर्टल mmpby2526.rajasthan.gov.in और नजदीकी पशु चिकित्सालय से संपर्क करते रहें।
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अस्वीकरण
यह लेख केवल सूचना एवं जागरूकता के उद्देश्य से साझा किया गया है। योजना से संबंधित अंतिम एवं आधिकारिक जानकारी राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग द्वारा जारी निर्देशों और अधिसूचनाओं में दी गई है; कृपया किसी भी निर्णय से पहले विभागीय सूचना की पुष्टि अवश्य करें।