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गोबर और गोमूत्र आधारित जैव-उत्पाद: चरण-दर-चरण विधि, लागत, गुणवत्ता और बिक्री से अतिरिक्त आय

Training • 12 Nov 2025 • 8 min read
गोबर और गोमूत्र आधारित जैव-उत्पाद: चरण-दर-चरण विधि, लागत, गुणवत्ता और बिक्री से अतिरिक्त आय

परिचय: दूध से आगे की आय — गोबर और गोमूत्र का विज्ञान और व्यवसाय

अधिकांश पशुपालक अपनी आय का मुख्य स्रोत दूध बिक्री को मानते हैं, जबकि गोबर और गोमूत्र स्थायी अतिरिक्त आय का बड़ा अवसर देते हैं। सही उत्पाद चयन, स्वच्छ उत्पादन, उचित पैकेजिंग और स्थानीय/ऑनलाइन विपणन मिलकर एक छोटे यूनिट को भी लाभकारी बनाते हैं। इस ब्लॉग में हम चरण-दर-चरण (step-by-step) विधियों के साथ लागत, गुणवत्ता नियंत्रण, ब्रांडिंग, लाइसेंस संकेत, and विक्रय मार्गों तक सब कुछ समझेंगे।

कच्चा माल प्रबंधन: शुरुआत से साफ-सुथरा और सुसंगठित

कलेक्शन और प्री-प्रोसेसिंग: ताजा गोबर को रोजाना अलग-अलग ढेर (batch) में इकट्ठा करें। मिट्टी/रेत/प्लास्टिक मिश्रण से बचें। गोमूत्र को अलग साफ ढक्कन वाले ड्रम में इकट्ठा करें। सभी कंटेनर धुलने योग्य हों।

रिकॉर्ड-कीपिंग: प्रतिदिन की मात्रा, नमी, तापमान (खासकर कम्पोस्ट/फर्मेंटेशन) और उत्पादन तिथियाँ लिखें। बैच नंबर दें ताकि ट्रेसबिलिटी बनी रहे।

स्वच्छता और सुरक्षा: दस्ताने, गमबूट, मास्क का उपयोग करें। कार्य-स्थल पर साफ पानी, फर्श की सफाई और कीट-नियंत्रण का ध्यान रखें।

उत्पाद #1: वर्मी-कम्पोस्ट (Vermicompost) — उच्च मांग, स्थिर गुणवत्ता

क्या है: केंचुओं (आमतौर पर Eisenia fetida) की मदद से गोबर और जैविक अपशिष्ट को पोषक खाद में बदलना।

सामग्री: (1) सड़ा-सड़ा गोबर (अर्ध-पकाया) 100 किग्रा, (2) बारीक कटे पत्ते/किचन वेस्ट 20–30 किग्रा, (3) केंचुए 1–2 किग्रा, (4) छायादार टैंक/बेड, (5) पानी की स्प्रे।

चरण:

1) टैंक/बेड के नीचे 2–3 सेमी मोटा सूखा घास/नारियल भूसा बिछाएँ।
2) गोबर को 3–5 दिन पहले ढेर बनाकर आंशिक प्री-कम्पोस्ट कर लें ताकि तापमान घट जाए।
3) बेड में गोबर:किचन-वेस्ट लगभग 4:1 अनुपात में बिछाएँ। नमी 60–70% रखें (मुट्ठी कसने पर 1–2 बूंद)।
4) सतह ठंडी हो तो केंचुए छोड़ें और बोरी/गननी से ढँक दें।
5) साप्ताहिक हल्की उलट-पलट, प्रतिदिन स्प्रे से नमी बनाए रखें।
6) 45–60 दिन में खाद काली-भूरी, भुरभुरी और गंध-रहित दिखेगी। ऊपर से छानकर पैक करें।

गुणवत्ता और पैकिंग: 5, 10, 25 किग्रा बैग; नमी ~20–25% (पैकिंग से पहले सुखाएँ), लेबल पर NPK और बैच/तिथि लिखें।

लागत/लाभ संकेत: छोटे सेटअप (2–3 बेड) ~ ₹10–20 हजार। स्थानीक मांग अच्छी; स्कूल/फार्म/नर्सरी/नगरपालिकाएँ खरीदार बन सकते हैं।

उत्पाद #2: गोकाष्ठ / “गोबर लकड़ी” (Cow Dung Logs)

क्या है: गोबर से लॉग/बृकेट बनाकर ईंधन/अग्नि-संस्कार/धार्मिक उपयोग के लिए।

सामग्री: (1) ताजा गोबर, (2) बाइंडर के लिए आरा-चूरा/भूसा 10–20%, (3) मोल्ड/लॉग-मशीन (हैंड प्रेस भी चल सकता है), (4) धूप में सुखाने की जगह।

चरण:

1) गोबर + भूसा/आरा-चूरा मिलाकर गाढ़ा मिश्रण बनाएं।
2) मोल्ड में भरकर 1–2 फीट के लॉग बनाएं।
3) तेज धूप में 4–7 दिन सुखाएँ (बारिश में शेड बनाएं), पूरी तरह सूखने पर वज़न हल्का और ठोस हो।
4) आकार/वज़न के अनुसार बंडल पैक कर सकते हैं।

गुणवत्ता: दरार कम करने को नमी संतुलित रखें, समान आकार से ग्राहक संतोष बढ़ता है।

बिक्री: अंतिम संस्कार समितियाँ, मंदिर, पर्यावरण-समूह, ई-मार्केटप्लेस।

उत्पाद #3: धूपबत्ती/दीया/हवन सामग्री (Gobarbased Incense & Diyas)

क्या है: सूखे गोबर में जड़ी-बूटियाँ, देसी घी/गोमूत्र अर्क/गुग्गुल/चंदन/कपूर इत्यादि मिलाकर।

सामग्री: (1) बारीक चूर्णित सूखा गोबर, (2) बाइंडर—गोंद/चावल का मांड/गुलाबजल, (3) ऐच्छिक सुगंधित जड़ी-बूटियाँ, (4) मोल्ड/हाथ से रोलिंग स्टिक, (5) धूप सुखाने की जगह।

चरण:

1) सूखे गोबर को छलनी से छानें; 70–80% गोबर पाउडर, 10–15% जड़ी-बूटी पाउडर, शेष बाइंडर/तरल।
2) मुलायम आटा जैसा मिक्स तैयार करें।
3) स्टिक या कोन आकार में ढालें/मोल्ड करें।
4) 2–4 दिन छाया/हवादार जगह में सुखाएँ; नमी न बचे।
5) 10/20/50 पीस पैक के साथ सुगंध/सामग्री सूची लिखें।

गुणवत्ता: धुएँ की तीव्रता संतुलित; राख कम; जलने का समय समान। ग्राहक फीडबैक से फॉर्मूला ट्यून करें।

उत्पाद #4: बायोगैस + स्लरी खाद (Biogas with Slurry)

क्या है: गोबर का गैसीय ऊर्जामें रूपांतरण; शेष स्लरी उच्च गुणवत्ता की जैविक खाद।

चरण संकेत: उचित आकार का प्लांट (परिवार/समूह हेतु), रोज गोबर-पानी 1:1 स्लरी; गैस खाना पकाने/जनरेटर हेतु; डाइजेस्टर से निकली स्लरी को सोलर ड्राइंग से सुखाकर ड्राई स्लरी पैक करें।

लाभ: ऊर्जा + खाद; गाँव स्तर पर सहकारी मॉडल भी सफल।

उत्पाद #5: जीवामृत (Jeevamrut) — प्राकृतिक पौष्टिक द्रव

क्या है: गोबर, गोमूत्र, गुड़, बेसन/दाल का आटा और मिट्टी से तैयार फार्म-इन्पुट, प्राय: फसल पोषण/मृदा स्वास्थ्य हेतु।

सामग्री (एक बेसिक बैच): गोबर 10–12 किग्रा, गोमूत्र 10–12 ली., पानी 200 ली., गुड़ 2 किग्रा, बेसन/दाल आटा 2 किग्रा, हैंडफुल जीवित मिट्टी।

चरण:

1) बड़े प्लास्टिक ड्रम में पानी भरें। गोबर और गोमूत्र डालकर लकड़ी के डंडे से मिलाएँ।
2) गुड़ और बेसन घोलकर डालें; मुट्ठीभर जीवित मिट्टी (सूक्ष्मजीव स्रोत) मिलाएँ।
3) ढक्कन ढीला रखें, रोज 2–3 बार हिलाएँ, छाया में 2–3 दिन फर्मेंट करें।
4) छानकर उपयोग/बिक्री करें; लेबल पर बैच/तिथि/उपयोग निर्देश दें।

ध्यान: स्थानीय कृषि प्रथाओं के अनुसार डोज़/स्प्रे अंतराल लिखें।

उत्पाद #6: घन-जीवामृत (Ghan Jeevamrut) — ठोस रूप

क्या है: जीवामृत का ठोस संस्करण, संभालना आसान, शेल्फ लाइफ बेहतर।

सामग्री: गोबर (अधपका), गोमूत्र, गुड़, बेसन/दाल, मिट्टी, सूखाने हेतु ट्रे।

चरण: जीवामृत जैसा मिश्रण गाढ़ा बनाकर केक/दाने बनाएं; छाया में सुखाकर पैक करें। प्रति एकड़/फसल के हिसाब से डोज लिखें।

उत्पाद #7: पंचगव्य (Panchgavya) — फर्मेंटेड फार्म टॉनिक

क्या है: दूध, दही, घी, गोबर, गोमूत्र का फर्मेंटेड मिश्रण; कुछ जगह गन्ना रस/नारियल पानी/केला मिश्रण भी जोड़ते हैं। मुख्यतः फसल हेतु।

सामग्री (बेसिक): गोबर 5 किग्रा, गोमूत्र 3–5 ली., दूध 2 ली., दही 2 ली., घी 1 किग्रा, पानी 20–25 ली. (वैकल्पिक: गुड़ 1 किग्रा)।

चरण:

1) बड़े ड्रम में पहले गोबर + गोमूत्र मिलाएँ।
2) अलग बर्तन में दूध, दही, घी अच्छी तरह फेंटकर डालें।
3) पानी/गुड़ डालें; रोजाना 2–3 बार चलाएँ; 7–12 दिन फर्मेंटेशन (तापमान/मौसम पर निर्भर)।
4) छानें, लेबल करें, उपयोग निर्देश दें।

नोट: यह कृषि उपयोग हेतु बतौर इनपुट पोजिशन करें; स्वास्थ्य/औषधि दावे करने से पहले स्थानीय नियम जानें।

उत्पाद #8: गोमूत्र अर्क (Distilled Gomutra) — अनुपालन-सचेत दृष्टिकोण

क्या है: गोमूत्र का आसवन कर प्राप्त स्वच्छ अर्क, जिसे अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न प्रयोजनों हेतु उपयोग किया जाता है।

चरण संकेत: स्टील/कांच आसवन उपकरण, धीमी आंच; वाष्प संघनन से अर्क संग्रह।

अनुपालन चेतावनी: यदि किसी उत्पाद को पेय/औषधि रूप में प्रस्तुत करते हैं तो स्थानीय/राष्ट्रीय नियम (जैसे FSSAI/AYUSH इत्यादि) और लेबलिंग नियमों का पालन अति आवश्यक है। बिना लाइसेंस स्वास्थ्य दावे न करें; इसे कृषि/साफ-सफाई/अध्ययन प्रयोजन की सीमा में रखें।

उत्पाद #9: गौ-आधारित नैचुरल क्लीनर (Floor/Toilet/Surface)

क्या है: गोमूत्र/नींबू/नीम/शिकाकाई/सिट्रिक एसिड (फूड ग्रेड) के आधार पर घर/फार्म हेतु क्लीनर।

सामग्री (उदाहरण फ़ॉर्मूला — फ्लोर क्लीनर): गोमूत्र फिल्ट्रेट 1 ली., नीम/नीलगिरी अर्क 50–100 मि.ली., सिट्रिक एसिड 5–10 ग्राम (घुला हुआ), डिस्टिल्ड वाटर 1–2 ली., ऐच्छिक प्राकृतिक सुगंध 1–2 मि.ली.

चरण: सभी तरल स्वच्छ फिल्टर से छानें; माप अनुसार मिलाएँ; pH ~6–7 रखें; 500 मि.ली./1 ली. बोतल में पैक करें; बच्चों से दूर रखने की चेतावनी लिखें।

गुणवत्ता: तलछट न बने; पारदर्शिता/गंध संतुलित; शेल्फ लाइफ के लिए छोटे बैच बनाएं।

उत्पाद #10: जैविक कीटनाशक/वृक्ष-छिड़काव (Herbal Bio-Pesticide)

क्या है: गोमूत्र के साथ नीम पत्ती/बीज, लहसुन, मिर्च, धतूरा आदि का अर्क, जो फसलों में कीट दबाव कम करने हेतु उपयोगी माना जाता है।

बेसिक मिश्रण उदाहरण: गोमूत्र 5 ली., नीम पत्ती/बीज 2 किग्रा, लहसुन 250 ग्राम, हरी मिर्च 250 ग्राम, पानी 5–10 ली.

चरण:

1) नीम/लहसुन/मिर्च को कूचकर/पीसकर गोमूत्र में भिगोएँ; 24–48 घंटे।
2) पानी मिलाकर हल्की गर्माहट दें (उबाल नें), ठंडा होने पर कपड़े से छानें।
3) छिड़काव से पहले 1:10–1:20 पानी में घोलकर प्रयोग करें।

ध्यान: किसान-परामर्श के अनुसार डोज़/अंतराल लिखें; सुरक्षात्मक उपकरण का उपयोग बताएं।

उत्पाद #11: हैंडवॉश/लिक्विड सोप (माइल्ड, प्राकृतिक)

क्या है: हल्के सर्फैक्टेंट (पर्यावरण-अनुकूल विकल्प चुनें), गोमूत्र फिल्ट्रेट/आसव, नीम/एलोवेरा अर्क के साथ।

चरण संकेत: बेस सर्फैक्टेंट को निर्देशानुसार पतला करें; गोमूत्र फिल्ट्रेट/नीम अर्क मिलाएँ; गाढ़ापन (viscosity) संतुलित करें; एलर्जी/पैच टेस्ट निर्देश दें; लेबलिंग साफ-सुथरी हो। त्वचा-सम्बंधी दावे करने से बचें जब तक परीक्षण/अनुमतियाँ न हों।

गुणवत्ता नियंत्रण: जो मापा जाता है, वही सुधरता है

नमी और pH: वर्मी कम्पोस्ट में नमी 20–25% (पैकिंग से पहले), क्लीनर/अर्क का pH लक्ष्य-सीमा में।

सूक्ष्मजीविय स्वच्छता: फर्मेंटेशन के समय ढक्कन ढीला; रोज हिलाना; बदबू/फफूंदी दिखे तो बैच अलग करें।

स्थिरता परीक्षण: छोटे बैच बनाकर 30–60 दिन निरीक्षण करें; रंग/गंध/तलछट नोट करें।

ट्रेसबिलिटी: बैच नंबर, निर्माण/समाप्ति तिथि, कच्चे माल का स्रोत; शिकायत पर त्वरित कार्रवाई में सहायक।

पैकेजिंग, ब्रांडिंग और लेबलिंग

पैकेजिंग: खाद के लिए मजबूत HDPE बैग; तरल के लिए फूड-ग्रेड/केमिकल-ग्रेड बोतलें; रिसाव-रोधी ढक्कन।

लेबलिंग: उत्पाद नाम, शुद्ध मात्रा, बैच/निर्माण तिथि, उपयोग-विधि, सावधानियाँ, निर्माता विवरण, “केवल कृषि उपयोग” (जहाँ उपयुक्त) जैसे स्पष्ट निर्देश।

ब्रांडिंग: सरल नाम, स्थानीय भाषा, साफ पहचान (leaf/cow icon), QR कोड से WhatsApp/वेबसाइट जोड़ें। ग्राहकों से पुन:आर्डर आसान होगा।

लाइसेंस/अनुपालन संकेत (संक्षेप)

कृषि इनपुट: कई राज्यों में जैविक इनपुट हेतु पंजीयन/सूचना की आवश्यकता हो सकती है। अपने कृषि विभाग/KVK से मार्गदर्शन लें।

फूड/हेल्थ दावे: पीने/औषधीय उपयोग के दावों से पहले संबंधित नियम (जैसे FSSAI/AYUSH आदि) समझें; बिना अनुमोदन दावे न करें।

पर्यावरण/कर्मचारी सुरक्षा: अपशिष्ट जल प्रबंधन, PPE उपयोग, MSDS (जहाँ लागू) अपनाएँ।

मार्केटिंग: कहाँ और कैसे बेचें

स्थानीय चैनल: हाट, किसान मंडी, नर्सरी, मंदिर/धार्मिक स्थल (धूप/गो-काष्ठ), कृषि मेलों में स्टॉल।

संस्थागत बिक्री: विद्यालय/नगरपालिका (कम्पोस्ट), पंचायत उद्यान, फार्महाउस/लैंडस्केप कंपनियाँ।

ऑनलाइन: WhatsApp चैनल, Facebook/Instagram, स्थानीय ई-कॉमर्स, अपनी वेबसाइट पर ऑर्डर फॉर्म।

डेमो और कंटेंट: “कैसे बनता है” वाले छोटे वीडियो/फोटो, पहले/बाद के परिणाम, ग्राहक प्रशंसा-पत्र।

लागत और मूल्य निर्धारण (प्राइसिंग) — एक सरल उदाहरण

उदाहरण सेटअप: 2 वर्मी-बेड, 1 गो-काष्ठ हैंड-प्रेस, धूपबत्ती सामुग्री, कुछ ड्रम/बोतलें, कुल प्रारंभिक निवेश ~ ₹20–35 हजार (स्थान/मशीन/उपलब्धता पर निर्भर)।

मासिक संभावित उत्पादन (उदाहरण): वर्मी कम्पोस्ट 500–800 किग्रा; गो-काष्ठ 200–300 लॉग; धूप/कोन 1000–2000 पीस; क्लीनर/अर्क 50–100 ली. (डिमांड अनुसार)।

राजस्व संकेत: वर्मी कम्पोस्ट ₹6–15/किग्रा; गो-काष्ठ ₹10–40/पीस; धूप ₹40–120/पैक; क्लीनर ₹80–150/ली. — यह कीमतें क्षेत्र/समय/गुणवत्ता/पैकिंग के अनुसार बदल सकती हैं, अतः अपने स्थानीय बाजार के अनुसार अपडेट करें।

लाभ: अच्छे संचालन/स्थिर ग्राहकों के साथ पहले 2–3 महीनों में निवेश की वसूली संभव।
महत्वपूर्ण: लागत, खपत, और बिक्री मूल्य स्थान, मौसम और समय के अनुसार बदल सकते हैं। कृपया अपने स्थानीय परिदृश्य के अनुसार अद्यतन करें।

मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) — आपकी रोज़ की चेकलिस्ट

1) कच्चा माल: रोजाना साफ-सुथरा कलेक्शन; अलग बैच कंटेनर।
2) उत्पादन: निर्धारित रेसिपी/समय/तापमान/नमी; डेली लॉग मेंटेन।
3) क्वालिटी: नमी/pH/गंध/रंग की जाँच; संदिग्ध बैच अलग रखें।
4) पैकिंग: सूखा/स्वच्छ; सही तौल; मजबूत पैकिंग।
5) लेबलिंग: बैच/तिथि/उपयोग निर्देश/चेतावनी।
6) स्टोरेज: धूप/नमी/कीट से बचाव; FIFO (पहले बना पहले निकले)।
7) सेल्स: ऑर्डर-रजिस्टर, भुगतान-रसीद, ग्राहक फीडबैक।

ग्राहक विश्वास कैसे जीतें

पारदर्शिता: “हम कैसे बनाते हैं” फोटो/वीडियो; फार्म विजिट की अनुमति (जहाँ संभव)।

डेमो/ट्रायल: छोटे पैक/सैंपल; स्प्रे गाइड/डोज़ कार्ड।

कस्टमर-सपोर्ट: WhatsApp नंबर, शीघ्र जवाब, रिटर्न/रिप्लेस-मदद नीति स्पष्ट।

जोखिम और समाधान

बारिश/नमी: शेड/तिरपाल; डिह्यूमिड/सन-ड्राइंग; पैकिंग से पहले मॉइस्चर चेक।

अनियमित मांग: 2–3 उत्पाद ऐसे रखें जिनकी मांग अलग-अलग चैनलों से हो (कम्पोस्ट + धूप + क्लीनर)।

प्रतिस्पर्धा: स्थानीय भाषा लेबल, क्वालिटी स्थिरता, समय पर आपूर्ति, पुन:आर्डर ऑटो-रीमाइंडर।

विस्तार (Scaling) की रणनीति

को-ऑप मॉडल: पास-पड़ोस के पशुपालकों से गोबर/गोमूत्र सप्लाई अनुबंध; उत्पादन केंद्र साझा करें।

प्रोडक्ट लाइन विस्तार: पौध-रोपण किट, किचन-गार्डन किट, उपहार पैक (धूप+दीप+कम्पोस्ट मिनी बैग)।

प्रोफेशनल ब्रांडिंग: समान रंग-योजना, लोगो, QR से ऑर्डर फॉर्म/WhatsApp बिजनेस कैटलॉग।

निष्कर्ष

गोबर और गोमूत्र से जुड़ी यह उद्यम-श्रृंखला केवल अतिरिक्त आय नहीं, बल्कि मृदा स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और ग्रामोदय की दिशा में ठोस कदम है। छोटे स्तर से शुरू करें, सुव्यवस्थित SOP अपनाएँ, गुणवत्ता और ग्राहक-विश्वास पर ध्यान दें। निरंतर सीखते हुए आप इसे एक स्थिर, सम्मानजनक और लाभकारी ग्रामीण उद्यम में बदल सकते हैं।


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